लोकसभा चुनाव में पहली बार घर से वोट देने की सुविधा मिलेगी घर से वोट डालने का अधिकार से बेहतर और क्या होगा? तो हम कहेंगे की ये एक सुविधा है क्योंकि इसका प्रावधान हो चुका है तो यह अधिकार की तरह है खबर यह है कि वॉट फ्रॉम होम फैसिलिटी लोकसभा चुनाव 2024 में लाई गई है तो इसके बारे में हम विस्तार से जानेंगे।
वॉट फ्रॉम होम का उद्देश्य क्या है?
- समावेशी और सुलभ वोटिंग प्रक्रिया
आप पूरे की पूरी वोटिंग प्रक्रिया जितनी आसान होगी और जितनी सुलभ होगी उतने ही ज्यादा वोटिंग प्रतिशत अपने आप बढ़ेंगे। अगर ज्यादा से ज्यादा लोगों को चुनाव की प्रक्रिया में शामिल करना है तो जरूरी है कि यह प्रक्रिया आसान और सबके लिए सुलभ हो जिससे वोट डालने की प्रक्रिया में लोग आसानी से वोट डाल सके, ऐसा ध्यान रखना ऐसी वोटिंग प्रक्रिया को आसान समावेशी और सुलभ कहते हैं।
- वोटिंग प्रतिशत
अब अगर इन बातों का ध्यान रखा जाएगा तो दूसरा उसका उद्देश्य है वोटिंग प्रतिशत वह अपने आप ही पूरा हो जाएगा क्योंकि इतने ज्यादा लोग भारत में चाहे लोकसभा के चुनाव हो, स्थानिक चुनाव हो, विधानसभा के चुनाव हो, वोटिंग प्रतिशत ज्यादा रहे मतलब कि वह डालने के लिए जितने लोग एलिजिबल है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग वोट डाल सके।
- लोकतंत्र में भागीदारी
ये वोटिंग प्रतिशत अगर बढ़ता है तो इसका मतलब ये हुआ कि लोकतंत्र में भागीदारी हुई क्योंकि यह लोगों की सरकार है और यह माना जाता है कि लोकतंत्र लोगों की सरकार लोगों के द्वारा चुनी गई सरकार है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग वोटिंग करे लोकतंत्र सरकार बनाने के लिए इसका ध्यान रखा जाएगा।
वॉट फ्रॉम होम की पृष्ठभूमि
- लोकसभा के चुनाव में पहली बार ऐसा हो रहा है कि 85 से भी ज्यादा उम्र के लोग अपने घर से वोट डाल सकेंगे। अंध लोग जो है वह भी घर से वोट डाल सकेंगे लेकिन यह सुविधा पहले ही दे दी जा चुकी है। बिहार विधानसभा 2020 में कोरोना के टाइम में बिहार विधानसभा चुनाव हुआ वहां पर 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगो को ये सुविधा मिली थी। लेकिन फिर उसके आगे की 11 विधानसभा चुनाव होता है उस टाइम पर भी 30 लाख मतदाताओं ने वोट दिया जहां पर 80 वर्ष से अधिक मतदाता और उसके अलावा विकलांग लोग थे।
- अब यहाँ पर बात यह है की जो वोटर है जो की वॉट देना चाहता है उसकी वजह से यह सुविधा का लाभ उठाया जा रहा है एसे लोगों के बारे में कहा गया कि अभी लोगों में इसके बारे में जागरूकता नहीं है। इसका मतलब है कि अगर संख्या ज्यादा हो सकती है तो ऐसे में कुछ बातों को और विशेष ध्यान रखा गया है।
- लेकिन एक बात का और ध्यान रखा गया है की 80 वर्ष था उसको बाद के 85 वर्ष कर दिया गया है बिहार के लिए पहली बार जो विधानसभा के चुनाव हो रहे थे उसमें 80 वर्ष के लिए किया गया था। उसके बाद अलग-अलग विधानसभाओं के लिए 80 वर्ष ध्यान में रखकर रखा गया और विकलांग को भी ध्यान में रखा गया।
- विकलांग मतलब की जो लोग 40% विकलांग हो वो ही वॉट फ्रॉम होम की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। अब यहां पर यह देखा गया कि चुनाव जो प्रमुख मुख्य ECI (Election Commission of India) है उन्होंने कहा कि देखिए ऐसा है कि बहुत सारे लोगों को सूचना मिली थी कि घर से वोट डाल सके उसके बाद देखा गया की 80 वर्ष से ज्यादा बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो लोग बूथ पर आकर ही वोट डाल रहे हैं इससे यह बात स्पष्ट होती है कि ऐसे लोग जो के मतदान वोट बूथ पर जाकर देना चाहते हैं 80 वर्ष से ज्यादा उम्र है वह अपने दावेदारी बूथ पर आकर सूचित करते हैं
- इससे यह भी पता चलता है कि बाकी लोगों में अभी जागरूकता नहीं आई है की वॉट घर पर आकार लेकर जाते है वोट डालेंगे तो वोटिंग प्रतिशत बढ़ती है इसमें ऐसा देखा गया की 80 से 85 की उम्र के 90% लोग बूथ पर आ रहे हैं जिससे कोशिश यही की जाए की 85 वर्ष के लोगों को हम बूथ पर ही लेकर आए।
- इसीलिए वॉट फ्रॉम होम की लिमिट 85 वर्ष से ऊपर किया गया है। इसलिए फेरफार किया गया है नियम में जिसको कहा गया है चुनाव संचालन नियम 1961 इस नियम के तहत उम्र बढ़ा के 85 वर्ष कर दी गई।
क्या भारत ऐसा पहेला देश है जिसमें वॉट फ्रॉम होम की सुविधा दी जा रही है?
तो नहीं ऐसा भारत अकेला देश नहीं है बहुत सारे देश है कि जिसमें वोट फ्रॉम होम की सुविधा दी जा रही है जैसे कि आस्ट्रेलिया, ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, इटली जैसे बहुत सारे देश है कि जहां पर ऐसी सुविधा मौजूद है।
कौन -कौन वॉट फ्रॉम होम के लिए पात्र है?
- जो 85 वर्ष से अधिक आयु के लोग हैं उन्हें लाभ मिलेगा।
- 40% से ज्यादा दिव्यांग या तो विकलांग है उन्हें वोट फ्रॉम होम का लाभ मिलेगा।
- कुछ मीडिया के लोगों को भी शामिल किया गया है जो कि जो मतदान दिवस के दिन मीडिया कवरेज करेंगे कि जो मतदान दिवस की गतिविधियों को कवरेज करेंगे ऐसे मीडिया कर्मियों को कुछ अधिकार पत्र प्राप्त होंगे। जिसके माध्यम से वह डाक मत दे सकेंगे बेलेट पेपर से वोट डाल सकेंगे।
- यह सारी सुविधा बेलेट पेपर के माध्यम से संपन्न होगी प्लस कुछ लोगों को पहले से दिया जा रहा था जैसे की आवश्यक सेवाओं के कर्मचारी मेट्रो, रेलवे और स्वास्थ्य देखभाल जैसे सेवाओं देने वाले कर्मचारी हैं उनको भी यह सुविधा प्राप्त होगी।
- अन्य सेवा मतदाता जो की गृह नगर से दूर है जैसे की तैनात शस्त्र बलों के कर्मी की जो चुनाव ड्यूटी पर तैनात हो।
- यह सारी की सारी सुविधा प्राप्त होगी तो पोस्टल बेलेट के माध्यम से सुविधा प्राप्त कर पाएंगे।
वॉट फ्रॉम होम की क्या है प्रकिया?
- चुनाव आयोग की वेबसाइट से एक फॉर्म मिलेगा फॉर्म 12 D फिल करना होगा।
- चुनाव के अधिसूचना जारी होने के 5 दिन के अंदर फॉर्म 12 D को फिल करना होगा और देना होगा सहायक रिटर्निग ऑफिसर(एआरओ ) या BLO को (बूथ लेवल ऑफिसर) को।
वॉट फ्रॉम होम प्रकिया से फायदा क्या होगा?
- इससे 85 वर्ष आयु के 85 लाख लोग ऐसे हैं भारत में जो की वोटर है और विकलांग की जो 40% से ज्यादा विकलांग है जो वॉट फ्रॉम होम की सुविधा प्राप्त कर सके वह लोग 88 लाख वोटर है जिससे टोटल मिलाकर 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग इस प्रकार के वोटर है। इसीलिए इस प्रक्रिया के द्धवारा ये लोग वोटिंग करेंगे तो लोकतंत्र मजबूत होगा इसीलिए ये सुविधा आवश्यक है।
- सुविधा की ये प्रक्रिया ऐसी होगी कि जिसमें दो मतदान अधिकारी,एक विडिओ ग्राफर और एक सुरक्षा कर्मी के साथ, मतदाता के घर जाएंगे मतलब की 19 अप्रैल से 1 जून की जो तिथि है चुनाव की तो जिस जगह पर जब चुनाव की तारीख होगी उसके पहेले ही वहां पर यह बैलट पेपर के माध्यम से वोट ले लिया जाएगा घर जाकर के और सुनिश्चित करेंगे कि मतदान जो है वो डाक मत पत्र पोस्टल बैलट के माध्यम से हो।
- यहां पर एक बात का ध्यान रखा जाएगा की मतदाता को मैसेज करके बताया जाएगा की हम इस तारीख को आपसे वोट लेने के लिए यानी की मशीनरी से डाक मत पत्र के माध्यम से वोट प्राप्त करने के लिए आएंगे। आपके घर अगर कोई व्यक्ति उपस्थित नहीं है तो उसे दूसरी बार सूचना दी जाएगी और तारीख दी जाएगी की वो लोग दी गई तारीख के दिन मत लेने आएंगे।
- अगर दूसरी बार भी मतदाता अगर दोबारा प्रेस करने के बाद वह व्यक्ति नहीं मिलता है तो फिर उसके बाद वह वोट नहीं डाल पाएगा और पोलिंग बूथ पर जाकर भी वह वोट नहीं डाल पाएगा,वह सुविधा से वंचित हो जाएगा। इस बात का उसको ध्यान रखना होगा।
- और एक बात है कि जो अंधेपन या शारीरिक रूप से वोट देने के लिए सक्षम नहीं है वहां पर सुविधा रहेगी कि वह अपने किसी एक सहायक के रूप में किसी को नामित कर सकते हैं और सहायक रूप के द्वारा वह वोट डालेंगे।
1.बैलट पेपर के माध्यम से तो होगा लेकिन और कुछ उपाय किए गए हैं जैसे कि
- ब्रेल सक्षम एवं की व्यवस्था की गई है।
- मतदान के दिन मुफ्त परिवहन व्यवस्था की गई है।
- व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई है।
- 80 साल के ऊपर से जो लोग ज्यादातर पोलिंग बूथ पर आना चाहते हैं जो की क्राइटेरिया 80 से 85 वर्ष के लोग जो आएंगे उनके लिए सुविधा चाहिए तो वो सुविधा मांग सकता है।
अगर कोई ऐसा है कि जो 85 वर्ष से ज्यादा उम्र का है और वह वॉट फ्रॉम होम से डालना नहीं चाहता और वह पोलिंग बूथ पर जाकर वोट डालना चाहता है तो उसके लिए सुविधा मांग सकता है।
उसके लिए एक ऐप है सक्षम ऐप जो इलेक्शन कमिशन ओफ इंडिया की ऐप है इस ऐप में रजिस्ट्रेशन करके पोलिंग बूथ पर कौन-कौन सी सुविधा चाहिए कौन सी व्यक्ति की सहायता चाहिए, व्हीलचेयर की सहायता चाहिए, वह सारे के सारी सहायता इस ऐप के थ्रू रजिस्ट्रेशन करके वह सारी सहायता उनको मिल सकेगी।
अभी आने वाले समय में एक खास सुविधा मिल सकती है मल्टी कांस्टीटयूएंसी रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, 45 लाख से भी ज्यादा ऐसे लोग हैं जो के अपने स्थान पर नहीं है भारत के अंदर कहीं और काम कर रहे हैं वह लोग अब आने वाले समय में ऐसा भी प्रेस किया जा रहा है कि आगे चलकर वह अपने जिस जगह पर है अपने राज्य में वहां से उनके घर के पास पोलिंग बूथ है वह क्षेत्र के वहां पर जो चुनाव लड़ रहा है उसके लिए वोट दे सके यह सुविधा आने वाले समय में देखी जाएगी।
अब वॉट फ्रॉम होम की सुविधा मिलेगी तो उसमें कौन-कौन सी चुनौतियां आने वाली है?
- 4M नाम के चुनौतियां हैं।
- Muscle Power – मसल पावर: बाहुबली की बात हुई है इसका उपयोग करके इस प्रकार के मतदाता जो घर से मतदान कर सकते हैं उनको प्रभावित करने का प्रयास बाहुबली के माध्यम से कोई कर सकता है।
- Money – दूसरी बात पैसे की लालच देकर धन का लालच देकर धन के माध्यम से किसी को दबाव करके उनकी वोटिंग लिया जा सकता है।
- Misinformation- मिस इनफॉरमेशन मतलब की वोट से सोशल मीडिया पर ऐसे गलत जानकारी चली जाए जिससे लोग गलत समझे या गलत जानकारी के आधार पर गलत निर्णय ले ले तो अब यह भी एक चुनौती है।
- MCC- Model Code of Conduct- आदर्श आंचार संहिता
इसका भी ध्यान रखना होगा कहीं इस पूरी की पूरी प्रक्रिया के दौरान इस आदर्श आचार संहिता प्रभावित न हो उसका नुकसान न पहुंचा जा सके।
- गोपनीयता
गोपनीयता के बीच चुनौती होगी किस प्रकार से वोटिंग होगी किस प्रकार से वोट दिलाया जाएगा उस पर भी सवाल उठ रहे हैं।
- परिवार का दबाव
जैसे के परिवार का कोई व्यक्ति होगा जो मतदाता को उसके माध्यम से दबाव दिया जा सकता है कि आप इसे वोट दीजिए ऐसे किसी भी प्रकार का दबाव बनाया जा सकता है और स्पष्ट नहीं होगा कि किस प्रकार का दबाव हो सकता है।
- प्रशासनिक चुनौती
उसके बाद प्रशासन के लिए भी ये एक चुनौती है कि एक-एक वोट के लिए जब इस प्रकार से आप दो अधिकारी प्लस एक सुरक्षा अधिकारी ऐसे तीन चार प्रकार के लोग जाएंगे तो वहां पर खर्च भी ज्यादा होगा।
दूसरी बात अब इस प्रकार से जो भी चुनाव करने है वो चुनाव की तिथी के पहले ही पूरी प्रक्रिया संपन्न करनी है अलग-अलग घर पर जाना है तो दबाव तो रहेगा, अधिकारी और शासन पर उसके बाद सुरक्षा पर भी दबाव रहेगा कि जितने भी डाक मत पत्र है वह सुरक्षित रह सके उसका भी ध्यान रखना होगा।
इससे कोई ना कोई कहीं ना कहीं नुकसान न पहुंच सके इन सारी बातों का ध्यान रखते हुए क्या करें क्या सुविधा है कैसे इसको लाभ मिलने वाला है क्या यह पहली बार है तो कैसे हैं इस में बदलाव किया गया है लाभार्थी कौन है प्रक्रिया क्या है सारी बात जाने के लिए यह सब माहिती है।
पूछे जानेवाले प्रश्न:-
- 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए वॉट फ्रॉम होम की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए किस नियम में संशोधन किया गया है?
- चुनाव संचालन नियम 1961 के तहत 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए वॉट फ्रॉम होम की सुविधा है।
- वॉट फ्रॉम होम की सुविधा अन्य कौन कौन से देश में है?
- आस्ट्रेलिया, ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, इटली जैसे है कि जहां पर ऐसी सुविधा मौजूद है।
- 80 वर्ष से अधिक की आयु के लिए वॉट फ्रॉम होम की सुविधा पहेले कहाँ दी गई थी?
- वॉट फ्रॉम होम की सुविधा पहेले बिहार के विधानसभा चुनाव 2020 में दी गई थी।
- वॉट फ्रॉम होम की सुविधा कौन से विकलांग के लिए है?
- वॉट फ्रॉम होम की सुविधा 40% विकलांगता वाले विकलांग या दिवयांग के लिए ये सुविधा है।
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