रूस के थिएटर में हॉल ही में 23 मार्च 2024 को एक अटैक देखने को मिला जिसमें 147 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। अब रूस में जो अटैक हुआ है उसको देखकर कहा जा रहा है कि यह पिछले 20 साल में हुआ सबसे डेड लिस्ट अटैक है।आज इसमें हम जानते हैं इस अटैक से जुड़े सबसे महत्व के मुद्दे जैसे की इस हमले को किसने किया है क्या वजह हो सकती है और इसको लेकर के रूस के प्रशासन को क्या सवाल पूछे जा रहे हैं उन तमाम चीजों को हम जानने वाले है।
रूस पर हुए हमले की खबर क्या है?
क्रॉक्स सिटी हॉल मोस्को में एक होल है जिस पर कुछ आतंकवादियों के द्वारा हमला किया गया। हॉल में तकरीबन 5000 लोग मौजूद थे। 5000 लोगों की क्षमता का हॉल था और उसमें से 147 लोगों की मौत हो गई है और यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि अभी भी हजारों लोग जो है इस घटना की वजह से घायल मौजूद है।
रूस ओथॉरिटी की ओर से 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसमें चार हमलावर भी शामिल है। जिन्होंने यह हमला करवाया था और सभी हमलावर जो है उनका संबंध तजाकिस्तान से बताया जा रहा है। इसके अलावा आतंकी संगठन ISIS-K द्वारा इस पूरे हमले की जिम्मेदारी एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पोस्ट के माध्यम से ली गई है।
ISIS-K क्या है?
- ISIS-K यानी इस्लामिक स्टेट खुरासान इसकी जो शुरुआत 2014 के अंत के आसपास हुई थी।
- पूर्वी अफगानिस्तान में हमें इस आर्गेनाइजेशन के कुछ शुरुआत देखने को मिली।
- दरअसल अमेरिका, रूस और दूसरे देश थे उन्हों ने इस्लामिक स्टेट ISIS के खिलाफ अपनी जंग छेड़ी तो जब वह ऑर्गेनाइजेशन समाप्त हुआ उसके कुछ मिलिटेंट थे की जो भाग करके अफगानिस्तान आ गए और अफगानिस्तान में पहुंच करके एक नई आर्गेनाइजेशन की शुरुआत की।
- ये नई आर्गेनाइजेशन जो कि अपने आप में पुराना वाला जो ऑर्गेनाइजेशन था उसे जोड़कर के देखते थे। इससे कहते हैं ISIS या ISIL कहते हैं।
- अब यहां पर पूरा खुरासान शब्द उसको खलिफ़त के साथ जोड़ा जाता है इसकी बात करें तो इस्लाम का सबसे महत्व शक्तिशाली जो व्यक्ति होता है उसको खलीफा कहा जाता है उसका जो शासनकाल जो होता है पूरे क्षेत्र में जो शासन करता है उसी पूरे क्षेत्र को पूरे शासनकाल को खलीफत कहा जाता है।
- ये जो खुरासान खलिफत थी ये बैसिक्ली ईरान, तुर्कमेकीस्तान, अफगानिस्तान के इलाके में हमे इतिहास में देखने को मिलति थी।
- जो मौजूदा ऑर्गेनाइजेशन जो है ISIS-खुरासान या तो ISIS-K वह भी अपने आप को इसी पूरे इलाके से जोड़कर देखते है।
- अगर वर्तमान समय में बात करें तो वर्तमान समय में ISIS के सबसे इंपॉर्टेंट और एक्टिव जो है इस्लामिक स्टेट ग्रुप में से एक है और इसको सबसे ब्रूटल ग्रुप के तौर पर देखा जाता है ये पूरा जो ग्रुप है बहुत ज्यादा ब्रूटल माना जाता है बहुत ज्यादा ब्रूटल तरीके से बहुत खतरनाक तरीके से लोगों की जो है हत्या करते हैं।
- 2018 में माना जाता है कि समूह की सदस्यता जो है उसमें आपको थोडी बहोत गिरावट देखने को मिली हैं।
- जब संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और उसके सहयोगी देश थे या फिर जो तालिबान की बात करें तो उनकी और से ISIS-खुरासान पर कुछ हमले किए गए थे।
- लेकिन उसके बावजूद भी माना जाता है कि तालिबान सरकार के लिए एक बड़े खतरों के तौर पर अफगानिस्तान में ये मौजूद है।
ISIS-खुरासान और तालिबान दोनों ही मिलेटंट है तो फिर एक दूसरे से क्यों लड़ते हैं?
ISIS-खुरासान और तालिबान दोनों ही मिलेटंट है तो फिर उन दोनों के बीच कैसे लड़ाई है वही प्रश्न हमारे मन में आता है तो यह दोनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई है ISIS-खुरासान जो है उसका कहना है कि वह एक इस्लाम की एक कट्टर धारा का समर्थन करते हैं।
अगर तालिबान की बात करे तो ISIS-K का कहेना है की तालिबान इस कट्टरता को लागू नहीं कर पा रहा है इसकी वजह से इन दोनों के बीच में लड़ाई देखने को मिलती है और ISIS-K चाहता है कि अफगानिस्तान में उनकी सत्ता होनी चाहिए जो कि अभी तालिबान की है तो दोनों सत्ता के लिए आपस में लड़ रहे हैं।
रूस और इस्लामिक स्टेट के बीच दुश्मनी की वजह क्या है?
रूस और इस्लामिक स्टेट के बीच दुश्मनी की वजह के बहुत सारे कारण है उसके सबसे बड़े दुश्मन के तौर पर आता है तो इसे में अगर अमेरिका रूस का बडा दुश्मन है तो दोनों देशों में इकवेशन तो एक ही रहती है कि इस्लामिक स्टेट और रूस के बीच दोस्ती होनी चाहिए थी। लेकिन आखिर उसमें दुश्मनी क्यों है। उसके भी बहुत सारे कारण है।
- ISIS-K है वह दुनिया के हर देश और दुनिया के हर धर्म को अपना दुश्मन समझता है चाहे वह दूसरा इस्लाम हो, क्रिश्चियन हो, वह सब को अपने दुश्मन के तौर पर देखते हैं इसके अलावा क्रिश्चियानिटी को हिंदुइज्म को इसके साथ-साथ बौद्धिज्म, जैनिज्म इन तमाम चीजों को अपने दुश्मन के तौर पर समग्र तौर पर देखते हैं। वह डिफरेंटशिएट इसमें नहीं करते।
- इसके अलावा वह स्पेसिफिकली रूस की बात करें तो उसके पीछे कुछ प्रमुख कारण दिखाई देंगे तो तीन कारण पर हम चर्चा करेंगे।
- इसमें सबसे पहला कारण की शुरुआत होती है 1990-2000 के दशक में तो चेचन युद्ध देखने को मिला था। चेचन के जो विद्रोही और रूस के मिलिट्री जो थी, उन दोनों के बीच में यह युद्ध हुआ था। अभी चेचन कौन थे तभी यहां पर रूस में देखेंगे यह पर जॉर्जिया वाला जो इलाका है इस इलाके को हम चेचन्या बोलते हैं वहां पर चेचन लोग दिखाई देते थे वह लोग जो थे वह बेसिकली इस्लाम को फॉलो करते हैं।
- लेकिन जब यहां पर एक सेपरेटीस मूवमेंट की शुरुआत होती है और रूस की सरकार की और से उसी सेपरेटीस मोमेंट को दबाने के लिए उसे अलगाववादी आंदोलन को समाप्त करने के लिए हिंसा का सहारा लिया जाता है। यही से शुरुआत होती है इस्लामिक स्टेट वह यह मानता है कि रूस की जो सरकार है बलामिदीर पुतिन है वह इस्लाम के खिलाफ है क्योंकि उन्होंने चेचन क्षेत्र में जो रहते थे वह लोग रहते हैं उनके खिलाफ बहुत ज्यादा बर्बरता का इस्तेमाल किया था तो यह एक कारण है।
- 2015 में रूस जो था वह सीरिया के सिविल वॉर में शामिल हो गया था और रूस की मौजूदगी की वजह से और उसकी हस्तक्षेप की वजह से ए सीरिया का गृह युद्ध था वह राष्ट्रपति बरा अल असद के पक्ष में चला गया था जबकि राष्ट्रपति जो थे वह इसि इस्लामिक स्टेट है उसके खिलाफ लड़ रही थे तो यहां पर प्रत्यक्ष तौर पर आप कह सकते हैं कि और उसने सीरिया के गृह युद्ध में हस्तक्षेप किया और इस्लामिक स्टेट के इलाके थे उनके खिलाफ बमबारी की थी यह दूसरा कारण है।
- तीसरा कारण है कि 2017 में जो इस्लामिक स्टेट थे सीरिया के शहर पलमायरा पर कब्जा किया था। तो रूस ने अपने वैगनर ग्रुप का इस्तेमाल किया था और उनके खिलाफ सीरिया के सैनिकों के साथ मिलकर शहर को आजाद कर लिया था। यह एक वही वैगनर ग्रुप है यह पिछले दिनों रूस और यूक्रेन के गृह युद्ध में देखने को मिला था। यही तीन कारण है और एक धर्म का कारण तो है ही क्योंकि रूस पूरा क्रिश्चियानिटी वाला देश है तो इसी वजह से रूस और इस्लामिक स्टेट के बीच दुश्मनी है इसलिए इस्लामिक स्टेट और रूस के बीच यही कारण और धर्म की वजह से दुश्मनी बनी रहती है।
इस हमले को लेकर रूस की सरकार पर कुछ सवाल उठाए जा रहे हैं।
रुस के प्रशासन से कई सवाल
- 1 घंटे से अधिक समय तक हमलावर वहां थिएटर में मौजूद थे तो तब तक पुलिस क्यों नहीं पहुंची? पुलिस ने त्वरित कार्यवाही क्यों नहीं कि?
- इसके अलावा खुफिया एजेंसी जो थी इंटेलिजेंस एजेंसी जो थी वह किस तरह से असफल हो गई?
- इसके अलावा हमलावरों के पास अत्याधुनिक और मॉडर्न हथियार मौजूद थे ऐसे में सवाल ये उठते हैं कि आखिर यह हथियार इन हमलावरों के पास आए कैसे?
- अमेरिका की खुफिया जो नेटवर्क है उन्हों ने भी चेतावनी दी थी तो क्यों उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया?
- इसके अलावा एक चीज यहां पर यह निकल के आती है वह यह है कि पूरे हमले के बाद वे रूस के राष्ट्रपति जो है पुतिन की ओर से यूक्रेन पर हमले की जिम्मेदारी डालने की कोशिश क्यों की?